Book Title: Prakrit Rachna Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 258
________________ क्र.सं. क्रिया अक/सक पृ.सं. 29. प्रक किलिस कीरण सक 30. 31 78 136 70 119 कील प्रक 32. सक 69 33. 34. प्रक प्रक सक 53 कुल्ल कोक्क 35. 119 36. 78 प्रक 37. सक अर्थ दुःखी होना खरीदना कीलना कूटना कूदना कूदना बुलाना लंगडाना टुकड़ा करना खोदना क्षमा करना नष्ट होना खाना खाँसना निन्दा करना अफसोस करना फैकना खिसकना क्रीड़ा करना 136 119 136 38. खरग सक सक 39. 61 40. खय प्रक सक 41 113,128 78 136 42. प्रक सक 43 खा खास खिस खिज्ज खिव खिस 44. प्रक 70 136 45. सक प्रक 46 47. प्रक 48. खेल खेलना प्रक 53 136 . सक 49. गच्छ 50. 62 प्रक गज्ज 51. प्रक 52. सक गडयड गण गरह 53. सक प्रक 77 136 119 61 119 128 136 54. जाना गरजना गिड़गिड़ाना गिनना निन्दा करना गलना खोज करना गाना गाना औसक्त होना गूंजना गॅथना/गठना गल सक 55. सक 56. 57. 58. सक गवेस गा गान गिज्झ गज गुंध प्रक 18 प्रक 69 59. 26 60. सक प्राकृत रचना सौरभ ] [ 241 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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