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(ii) तृतीया बहुवचन नपुंसकलिंग एकवचन नरिंदेहि नरिंदेहि/नरिंदेहि हसिनं/हसिदं/हसियं/हसितं =राजाओं द्वारा हँसा गया । कमलेहि/कमलेहि कमलेहिं विग्रसिअं/विप्रसिदं/विग्रसियं/ == कमलों द्वारा खिला गया ।
विग्रसितं ससाहि/ससाहि/ससाहिँ जग्गिग्रं/जग्गिदं जग्गिय/जग्गितं=बहिनों द्वारा जागा गया । अम्हेहि/अम्हाहिं हसिग्रं/हसिदं/हसियं/हसितं =हमारे द्वारा हंसा गया । तुब्भेहिं तुम्हेहिं तुझेहि हसिग्रं/हसिदं/हसियं/हसितं =तुम्हारे द्वारा हँसा गया। तेहि तेहि
हसिग्रं/हसिदं हसियं/हसितं =उनके द्वारा हँसा गया । ताहि/ताहि तीहिं हसिन हसिदं/हसियं/हसितं =उन (स्त्रियों) के द्वारा हंसा
गया।
1. (क) नरिदेण/नरिदेणं (अकारान्त पुल्लिग-तृतीया एकवचन)
कमलेण/कमलेणं (अकारान्त नपुंसकलिंग-तृतीया एकवचन) ससाए/ससाइ/ससा (आकारान्त स्त्रीलिंग-तृतीया एकवचन) मइ/मए/मे/ममए [उत्तम पुरुष सर्वनाम-तृतीया एकवचन (पुल्लिग
स्त्रीलिंग)] तइ/तए। तुमे तुमए (मध्यम पुरुष सर्वनाम-तृतीया एकवचन (पुल्लिग
स्त्रीलिंग)] तेण तेणं
[अन्य पुरुष सर्वनाम-तृतीया एकवचन (पुल्लिग)] ताए/तीए
[अन्य पुरुष सर्वनाम-तृतीया एकवचन (स्त्रीलिंग)]
तृतीया एकवचन बनाने के लिए अकारान्त पुल्लिग और नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों में 'रण' और 'रणं' प्रत्यय जोड़े जाते हैं, ण और णं जोड़ने पर अन्त्य 'प्र' का 'ए'हो जाता है-नरिंदेण, नरिंदेणं, कमलेण, कमलेणं । आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के एकवचन में 'ए', 'इ' और 'अ' प्रत्यय जोड़े जाते हैं-ससाए, ससाइ, ससाय । अन्य पुरुष सर्वनाम के लिए भी यही नियम समझ लेना चाहिए। बाकी उत्तम पुरुष और मध्यम पुरुष सर्वनाम को इसी प्रकार याद कर लेना चाहिए।
प्राकृत रचना सौरभ ]
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