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ठासी/ठाही/ठाहीन होसी/होही/होहीन
==तुम दोनों ठहरे/तुम सब ठहरे । =तुम दोनों हुए/तुम सब हुए।
.. तुझे
ठासी/ठाही/ठाहीन
= वे दोनों ठहरे/वे सब ठहरे ।
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होसी/होही/होहीम
= वे दोनों हुए/वे सब हुए।
ता
तामो
। ठासी/ठाही/ठाहीन । होसी/होही/होहीम
=वे दोनों ठहरी/वे सब ठहरी । =वे दोनों हुई/वे सब हुई।
ताउ
भूतकाल के उत्तम पुरुष एकवचन व बहुवचन, मध्यम पुरुष एकवचन व बहुवचन तथा अन्य पुरुष एकवचन व बहुवचन में प्राकारान्त, प्रोकारान्त प्रादि क्रियाओं में सी, ही, होम प्रत्यय लगते हैं।
3. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं ।
4. उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं । ___ (i) अर्द्धमागधी में अकारान्त, प्राकारान्त, प्रोकारान्त क्रियाओं में सभी पुरुषों और
सभी वचनों में इत्था और इंसु प्रत्यय जोड़कर भूतकाल बनाया जाता है, जैसे-ठाइत्था/ठाइंसु, होइत्था/होइंसु, (पिशल, पृष्ठ 752-753; घाटे,
पृष्ठ 112)। (ii) इनके अतिरिक्त होत्था हुआ, प्राइंसु कहा, का प्रयोग भी मिलता है,
(पिशल, पृष्ठ 755)।
कुछ अन्य रूप
उत्तम पुरुष एकवचन प्रकरिस्सं=किया
अन्य पुरुष एकवचन प्रकासी-किया (अन्य रूपों के लिए देखें पिशल, पृष्ठ 751-753) ।
प्राकृत रचना सौरभ ]
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