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नोट-अर्द्धमागधी में नरिद→नरिदे भी होता है अतः वाक्य होगा-नरिंदे हसिए/हसिते ।
(ii) वाक्यों में प्रयोग (कर्ता पुल्लिग) (बहुवचन)
हसिया/हसिया
(कर्तृवाच्य)
नरिंदा
हसिता/हसिदा
=राजा हँसे ।
नरिदा । होना होया
=राजा हुए।
होता/होदा
(ख) क्रियाएँ
वड्ढ-बढ़ना,
विप्रस-खिलना,
हो=होना
भूतकालिक कृदन्त के प्रत्यय
वड्ढ
विग्रस
वड्ढिअ/वड्ढिय=बढ़ा विप्रसिप्र/विप्रसिय=खिला होन/होय हुआ वढित
विप्रसित =खिला होत =हुआ वड्ढिद =बढ़ा विप्रसिद =खिला होद . =हुआ
=बढ़ा
ब
नोट-क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' हो जाता है।
(i) वाक्यों में प्रयोग (कर्ता नपुंसकलिंग) (एकवचन) कमल
विप्रसिध/विप्रसियं/वियसितं/विप्रसिदं
(कर्तृवाच्य) =कमल खिला।
कमलं
हो/होयं/होतं/होदं
=कमल हुआ।
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[ प्राकृत रचना सौरभ
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