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होन्ति/होन्ते/होइरे
=वे दोनों होते हैं वे सब होते हैं ।
ता/तामो/ताउ होन्ति/होन्ते/होइरे
=वे दोनों होती हैं/वे सब होती हैं ।
!
1. अम्हे वयं
=हम दोनों/हम सब
उत्तम पुरुष बहुवचन
पुरुषवाचक
सर्वनाम
बहुवचन
तुम्भे
=तुम दोनों तुम सब मध्यम पुरुष बहुवचन तुझे ते =वे दोनों (पुरुष)/वे सब (पुरुष) ]
अन्य पुरुष ता/तामो/ताउ =वे दोनों (स्त्रियाँ)/वे सब (स्त्रियाँ) | बहुवचन
2. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं ।
3. उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं। इनमें कर्ता के अनुसार क्रियाओं के पुरुष और
वचन हैं।
4. संयुक्ताक्षर के पहले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है, जैसे-ठान्ति-»ठन्ति ।
प्राकृत में अ, इ, उ, ए और प्रो स्वर ह्रस्व होते हैं और श्रा, ई, ऊ दीर्घ ।
5. वर्तमानकाल के प्रत्यय (पाठ 1 से 8 तक)
एकवचन
मि
उत्तम पुरुष मध्यम पुरुष अन्य पुरुष
सि, से इ, ए, दि, दे
बहुवचन मो, मु म है, इत्था , ध न्ति, न्ते, इरे
6. (i) वर्तमानकाल में अकारान्त क्रियाओं में तीनों पुरुषों (उत्तम, मध्यम, अन्य) के दोनों
वचनों (एकवचन व बहुवचन) में 'ज्ज', 'ज्जा' प्रत्यय भी लगाये जाते हैं। "ज्ज', 'ज्जा' प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' हो जाता है जैसे--- हस+ज्ज-हसेज्ज, हस+ज्जा=हसेज्जा ।
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प्राकृत रचना सौरभ
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