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2.
(ii) अर्द्धमागधी में विधि के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'एज्जाह' प्रत्यय लगाकर 'हस' का रूप बनेगा – 'हसेज्जाह' (घाटे, पृष्ठ 129 ) ।
3. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं ।
उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं ।
4.
(i) विधि एवं आज्ञा के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'ह' और ' प्रत्यय क्रिया में लगते हैं । 'ह' और 'घ' प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' हो जाता है ।
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[ प्राकृत रचना सौरभ
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