Book Title: Pragnapanopangamsutram Part 02
Author(s): Malaygiri,
Publisher: Agamoday Samiti
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प्रज्ञापनाया: मलयवृत्ती.
॥५८५॥
गो०! अणंता, के० पु. १, गो० ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अस्थि एगो वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं
३६ समुसंखेजा वा असं०. अनंता वा, एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स असुरकुमारत्ते केव० लोभस. अतीता ?, गो.
द्घातपदं अणंता, के० पु. १, गो० ! क. अत्थि क. नत्थि, जस्सत्थि सिय संखेजा सिय असं० सिय अणंता, एवं जाव स्वपरस्थानेरइयस्स थणियकुमारने, एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स पुढविकाइयत्ते के० लोभस. अतीता ?, गो.! अणंता, ने कषायके० पुरे० १, गो० ! क० अत्थिक नत्थि, जस्स अत्थि जह• एको वा दो वा तिण्णि वा उक्को० संखे० असं०स० सू. अणंता वा, एवं जाव मणूसत्ते, वाणमंतरत्ते जहा असुरकुमारत्ते, एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स जोइसियत्ते के०
३३९ लोभस. अतीता?, गो० ! अणंता, केवइया पुरे० १, गो० ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि जस्सत्थि जह. एको वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं सिय संखेजा सिय असंखेजा सिय अणंता, एवं जाव वेमाणियत्तेऽवि भाणियचं, एगमेगस्स णं भंते ! असुरकुमारस्स नेरइयत्ते के. लोभस. अतीता ?, गो! अणंता, केवइया पुरे०१, गो.! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि जह० एको वा दो वा तिणि वा उक्को. सं. असं० अणंता वा, एगमेगस्स णं भंते ! असुरकुमारस्स असुरकुमारत्ते के. लोभस. अतीता ?, गो! अणंता, के. पु.?, गो.! क. अ. क. नत्थि, जस्सत्थि जह. एको वा दो वा तिण्णि वा उक्को. सं. असं० अणंता वा, एगमेगस्स णं भंते ! ॥५८५॥ असुरकुमारस्स नागकुमारत्ते पुच्छा, गो० ! अणंता, के० पु० ?, गो० ! क० अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि सिय
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