Book Title: Pragnapanopangamsutram Part 02
Author(s): Malaygiri,
Publisher: Agamoday Samiti
View full book text
________________ प्रज्ञापनाया: मलयवृत्ती. नमत नयभङ्गकलितं प्रमाणबहुलं विशुद्धसद्बोधम् / जिनवचनमन्यतीर्थिककुमतिनिरासैकदुर्ललितम् // 1 // जयति हरिभद्रसूरिष्टीकाकृद्विवृतविषमभावार्थः / यद्वचनवशादहमपि जातो लेशेन विवृतिकरः // 2 // कृत्वा प्रज्ञा| पनाटीकां पुण्यं यदवाप मलयगिरिरनघम् / तेन समस्तोऽपि जनो लभतां जिनवचनसद्बोधम् // 3 // " 36 समुद्घातपदं योगनिरो 911 // 349 इति श्रीमन्मलयगिरिविरचितायां प्रज्ञापनाटीकायां षट्त्रिंशत्तमं पदं समर्थितम् // प्रज्ञापनाटीका समाप्ता ग्रन्थाग्रं 16000 // 11 // Educato For Personal & Private Use Only nebrary.org

Page Navigation
1 ... 482 483 484