________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अनीतिमय विचारों के परित्याग से स्व-आत्मा का हित होता है और विश्व का हित भी परम्परागत कम-अधिक प्रमाण में कर सकते हैं ।
नैतिक सदगुणों के कारण एक व्यलि अलौकिक ज्योतिपुंज की भांति जगत में प्रकाश फैला सकता है। परिणामस्वरूप धर्मोपासाकों में नैतिक सद्गुणों के माध्यम से (ऐसी दिव्य-ज्योत प्रकट करनी चाहिए कि वे) स्व – आचार व विचारों को ऐसे सर्वांग सुंदर बना लें, जिससे उनका गृहस्थ अथवा श्रमण जीवन एकाध निर्मल आदर्श की तरह जगत के जीवों को सदगुणों की वृद्धि में सहायभूत बन जाय।
९४
For Private and Personal Use Only