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संकेत
ग्रंथ का नाम
संस्करण प्रादि
जिसके अंक दिए गए हैं वह
गाथा
गुरुप्रदक्षिणाकुलक गौतमकुलक चउसरणपयन्नो
पाहड
चारु
चउ पन्नमहापुरिसचरियं प्राकृतलक्षण चंदपन्नत्ति चारदत्त चेइयवंदरमहाभास चैत्यवन्दन भाष्य जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति
चेइय
गाथा
चैत्य
अंबालाल गोवर्धनदास, बम्बई, १९६३ भीमसिंह मारणेक, बम्बई, संवत् १९६५ १ जैन-धर्म-प्रसारक-सभा, भावनगर, संवत् १९६६ २ शा. बालाभाई ककलभाई, अहमदाबाद, संवत् १९६२
प्राकृत-ग्रथ-परिषद्, वाराणसी-५, १९६१ । एसियाटिक सोसासायटी, बंगाल, कलकत्ता, १८८०
हस्तलिखित त्रिवेन्द्र-संस्कृत-सिरीज जैन प्रात्मानन्द सभा, भावनगर, संवत् १९६२ भीमसिंह माणेक, बम्बई, संवत् १९६२ १ देवचंद लालभाई पु० फंड, बम्बई, १६१० २ हस्तलिखित जैन प्रभाकर प्रिटिंग प्रेस, रतलाम, प्रथमावृत्ति सिंधी जैन सिरीज पारमानन्द जैन-पुस्तक-प्रचारक-मंडल, प्रागरा, संवत् १९७८ हस्तलिखित
देवचंद लालभाई पुस्तकोद्धार फंड, बम्बई, १९१६ + हस्तलिखित
अंबालाल गोवर्धनदास, बम्बई, १९१३ हस्तलिखित
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वक्षस्कार
गाथा
जिन
प्रतिपत्ति गाथा
जीवस
जयतिहुअण-स्तोत्र जिनदत्ताख्यान जीवविचार जीतकल्प जीवाजीवाभिगमसूत्र जीवसमासप्रकरण जीवानुशासनकुलक ज्योतिष्करएडक +टिप्पण (पाठान्तर) टीका ठाणंगसुत्त (स्थनांगसूत्र) एंदिसूत्र
जीवा
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एमिऊरण-स्मरण गायाधम्मकहासुत्त तंदुलवेयालियपयन्नो
गाथा श्रतस्कन्ध, मध्य
णाया
मागमोदय-समिति, बम्बई, १९१८-१९२० १ हस्तलिखित २ आगमोदय समिति, बम्बई, १९२४ स्व-संपादित, कलकत्ता, संवत् १९७८ पागमोदय समिति, बम्बई, १९१६ १ हस्तलिखित २ दे० ला० पुस्तकोद्धार फंड, बम्बई, १९६२ जैन-ज्ञान-प्रसारक-मंडल, बम्बई, १९११ हस्तलिखित हस्तलिखित गायकवाड मोरिएण्टल सिरीज, नं ८, १६१८
पत्र गाथा
तित्य
तिजयपहत्त तित्थुग्गालियपयन्नो तीर्थकल्प त्रिपुरदाह (डिम)
...
कल्प पृष्ठ
+ श्रद्धेय श्रीयुत् के० प्रे: मोदी द्वारा प्राप्त ।
+ पाठान्तर वाले संस्करणों के जो पाठान्तर हमें उपादेय मालूम पड़े हैं उन्हें भी इस कोष में स्थान दिया है और प्रमाण के पास ‘टि' शब्द जोड़ दिया है जिससे उस शब्द को उसी स्थान के टिप्पन का समझना चाहिए।
जहाँ पर प्रमाण में ग्रंथ-संकेत और स्थान-निर्देश के अन्तर 'टी' शब्द लिखा है वहाँ उस ग्रंथ के उसी स्थान की टीका के प्राकृतांश से मतलब है।
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