Book Title: Nirvankalika
Author(s): Padliptsuri, Jinendravijay Gani
Publisher: Bhuvan Sudarshan Jain Granth Mala Devali Rajasthan
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॥१५॥
विषय
पत्राडू मृद्ररत्नबिम्बं सुवर्णादि बिम्बस्य पुनः स्थापनम् ६६ चूलकध्वजप्रासादविसर्जनम् ६६
प्रासादषडङ्गपूजनम् १०. मुद्रा विधिः (६३ मुद्राः) ६६ ११. प्रायश्चित विधिः
बिम्ब विषये जप प्रायश्चितम् ७२ देवोपकरणं पादेन स्पर्श सन्ध्यालोपे देवानर्चने निर्माल्य भक्षणे प्रायश्चितम् ७३
विषय
पत्रात निर्माल्यभेदाः देवद्रव्यनिरुपणम् निर्माल्योपगे फलम् ७३ सूतक शावाशौचयोः विशेषः सूतके शावाशीचे नित्यक्षतिः
न कार्या १२. अहंदादीनां वर्णादि क्रमः ७४
तीर्थकराणां वर्णलाञ्चन जन्मनक्षत्रवर्णनम् यक्षयक्षिणी स्वरूपायुध वर्णनञ्च
विषय
पत्राङ्क श्रुतदेवता शान्तिदेवतावर्णनम् ८० १६. षोडशविद्यादेवीनां
__स्वरूपायुध वर्णनम् ८० १४. लोकपालस्वरूपायुधवर्णनम् ८१ १५. नवग्रह स्वरूपायुधवर्णनम् ८२
ब्रह्मशान्तिक्षेत्रपालस्वरूपायुधवर्णनम्
८२
॥१५॥
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