Book Title: Nirvankalika
Author(s): Padliptsuri, Jinendravijay Gani
Publisher: Bhuvan Sudarshan Jain Granth Mala Devali Rajasthan

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Page 102
________________ निर्वाण कलिका ॥४॥ ॥ श्री पार्श्वनाथाय नमः ।। पूज्य आचार्य विजय सुदर्शनसूरीश्वरजी महाराज ज्ञानमन्दिर ज्ञानभराडार :: देवाली ( उदयपुर-मेवाड़) श्री भुवन सुदर्शन सूरीश्वरजी जैन ग्रन्थमाला-ग्रन्थरत्नोनी यादी १. स्तवन गहुंली संग्रह १२. गणिपद महोत्सव २१. धर्मादा द्रव्यनी व्यवस्था (हिन्दी) २. प्रकरण स्तोत्रादि संग्रह १३. गुरु गुण गीत अंग्रह २२. विहरमान पट (हिन्दी) ३. प्रकरणमाला (मोटा अक्षर) १४. संस्कार सोपान २३. संवत्सरी क्षमापना (हिन्दी) ४. जिनेन्द्र स्तवनावली १५. बारव्रतनी टीप २४. जीवन किरण (गुजराती) ५. कर्मग्रन्थ सार्थ (१ थी ४) १६. स्नात्रपूजा सार्थ (हिन्दी) २५. यशोधर चरित्र (संस्कृत) ६. विहार दर्शन दीपिका १७. जिनेन्द्र गुरु गुण सरिता २६. शान्तिस्नात्र काड ७. प्रकरण माला (नाना अक्षर) १८. जोवन झरमर (गुजराती) २७. निर्वाण कलिका (संस्कृत) ८. कर्मग्रन्थ मूल (१ थी ६) १९. सातक्षेत्र अने धमद्रव्यनी व्यवस्था २८. पोरत्न महोदधि ९. कर्मप्रकृति मूल (गुजराती) १०. जिनगुणरत्न मंजुषा २०. जीवन ज्योति (हिन्दी) ११. जिनेन्द्र भक्ति कणिका Jain Education Inter! IM For Private & Personal use only inelibrary.org

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