Book Title: Nirvankalika
Author(s): Padliptsuri, Jinendravijay Gani
Publisher: Bhuvan Sudarshan Jain Granth Mala Devali Rajasthan

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Page 16
________________ निर्वाण कलिका ॥ १४ ॥ Jain Education Intern विषय मूर्ति प्रतिबोध स्थिरीकरणमन्त्रौ पत्राङ्क मुद्राकरणम् सुरवृतातिशय प्रातिहार्ययक्षयक्षैश्वरीधर्म चक्रमृगद्वन्द्वरत्नध्वजप्राकारत्रयादि स्थापना ४६ तेषां मन्त्राः निम्रक्षणारात्रिक देववन्दनादिकम् बलिदानम् ५० शान्ति बलिमन्त्र: संघपूजादि शासनो ४९ ૪Æ ( आगम गाथा ) ५१ ५४ अष्टा कमहः विसर्जन विधिः दुभासनम् (,, ) ५४ (,, ) ५५ ( गाथा) ५६ विषय अष्टोत्तरशतस्नात्रम् मास संवत्सर कार्याणि (गाथा) ५६ विभवाभावस्य प्रतिष्ठा पत्राङ्क कार्यम् (,, ) ५७ लेप्यादिप्रतिमा प्रतिष्ठाविधिः ५८ सरस्वत्यादि प्रतिष्ठा तृतीया प्रतिष्ठा मन्त्राः सरस्वति माणिभद्र ब्रह्मशान्त्यम्बिका प्रतिष्ठा हृत्प्रतिष्ठा चतुर्थी कलाप्रभृतिविन्यासः नाडी दशक वायुदशक विन्यासः ६० नाडी वायुन्यास मन्त्राः चुलिका प्रतिष्ठा पश्चमी ५९ ६० चूलक कलशध्वजधमंचक्रादिनां अधिवासः For Private & Personal Use Only ५८ ५८ ६१ पत्राङ्क ६१ विषय प्रासादाधिवासः चूल+ कलशादि निवेश: ध्वजचटापनफलम् (गाथा) ६२ देवगुरु सङ्घपूजा ६२ ६२ ६२ ६२ अनुकम्पा दण्डनिरूपणम् दण्डमानदिशाफलम् वैदिकालक्षणम् ६. जीर्णोद्धार विधिः बिम्बोत्थापनम् दिक्पाल बलिदानम् दिक्पालावानम् विसर्जनस्नानम् जाप सुवर्णपुष्प पूजा विसर्जन मन्त्रः शैल बिम्बक्षैपनम् ******* 3 3 3 w ६३ ૬૪ ૬૪ ૬૪ ६५ ६५ ६५ ६५ ६६ । १४ ।। ainelibrary.org

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