Book Title: Nandanvan Kalpataru 2000 00 SrNo 04 Author(s): Kirtitrai Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti View full book textPage 6
________________ ( स्याद्वादस्य पराजेता न भूतो न भविष्यति । -मुनिहितवर्धनविजयः पत्रम् -मुनिधर्मकीर्तिविजयः विवादा व्यान-सहयोः -विजयशीलचन्द्रसूरिः झनकथा -विजयशीलचन्द्रसूरिः है भगदद -मुनिरत्नकीर्तिविजयः भावना भवनाशिनी -मुनिरत्नकीर्तिविजयः सत्यघटना -मुनिधर्मकीर्तिविजयः -मुनिधर्मकीर्तिविजयः कः खलु केन जीवति ? -मुनिकल्याणकीर्तिविजयः बुद्धियस्य धनं तस्य। -साध्वी युगन्धराश्री सुभाषित-कथा -एम. के. न ण्डस्वामी मर्म-नर्म Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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