Book Title: Munhata Nainsiri Khyat Part 02
Author(s): Badriprasad Sakariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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__मुंहता नैणसीरी ख्यात मालरो बाब'
कसबामें महाजनांरै घर १ दीठ दुगांणी ८। . महाजनांरा घर हजार २५००-रु० ५००)री ठोड़।
५००.....................। १५०० प्रोसवाळारा। ५०० महेसरीयांरा।
दीवाळी होळीरै मिलणरा रु० ५००) गुळरा पेसकसी मंगळीकरी । इण भांत रु० १५०००) रजपूत मुसलमान खालसैरा सिगळे देसरा आवै। देसवाळी लोगांरै जेजियो नै बाबरा करी रु० ४०००) री ठोड़ २००००) । दांण तुलावट'
दांणरो ऊंठ १ तोल २०रो मण बारै वहतीवारण - रेसम रु० ३५)। रुई मजीठ - रु० ५)। मैंण11 रु० ६)। घ्रत
फीटकड़ी रु० ४)। खारक'
___रु० ५)। लाख लोवड़ी12 रु० ६)। नाळेर' रु० ५)। किरांणारै ऊंठ रु० ३)।
बीकानेररै देसथा वहै तिणनूं रु० ॥) देसमें वहतीवांणनूं लागै14 । ... घोडै १ दीठ रु० ४) वहतीवांण कारवांन नै लागै15 सरब रु० १५०००)री ठोड़ वरस १री तुलावट विकरी। कसवै वस्तु विकै
I माल पर लगने वाला कर । 2 कस्बेमें महाजनोंके प्रति घर ८ दुगानी लगती है। . (दुगानी=एक प्राचीन सिवका) । 3 महाजनोंके घर २५०० जिनसे रु० ५००) निश्चित कर। 4 दिवाली और होली आदि मांगलिक त्यौहारों पर गुड़के नामसे लिखी जाने वाली भेट । 5 सव। 6 जजिया। 7 तुलाई पर सायर महसूल । 8 सीमामें होकर चलनेका महसूल । 9 छुहारा । 10 नारियल । II मोम। 12 लाखसे रंगा हुआ (लाखी रंगका) लोवड़ी वस्त्र, अथवा लाख और लोवड़ी वस्त्र । 13 किराना । 14 बीकानेरके देशसे सीमामें चलने वालोंसे वहतीवान कर बारह आने लगते हैं। 15 कारवांके साथ प्रति घोड़ेके रु. ४) वहतीवान लगता है।

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