Book Title: Mahapragna Sahitya
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 192
________________ स्वतंत्रता : एक अमिट प्यास स्वतंत्रता और आत्मानुशासन स्वतंत्रता का अभियान स्वतंत्रता का संकल्प स्वतंत्र या परतंत्र ? स्वतंत्र या परतंत्र ? स्वतंत्र व्यक्तित्व का निर्माण स्वत्व की मर्यादा स्वप्न और मन स्वभाव का परिवर्तन स्वभाव परिवर्तन स्वभाव परिवर्तन का दूसरा चरण - स्वाभाविकता के सापेक्ष मूल्य स्वार्थ की मर्यादा स्वावलम्बन अनुप्रेक्षा स्वास्थ्य स्वास्थ्य और आहार- विवेक स्वास्थ्य और प्रसन्नता स्वास्थ्य और समाधि स्वास्थ्य-साधना हम आचार्य भिक्षु बनें हम श्वास लेना सीखें हम स्वतंत्र या परतंत्र ? हम हैं अपने सुख दुःख के कर्ता हमारा जीवन और समस्याएं हमारा जीवन और समस्याएं हमारा भोजन हमारा भोजन हमारा भोजन ६८ / महाप्रज्ञ साहित्य : एक सर्वेक्षण Jain Education International घट तट श्रमण श्रमण कर्मवाद चेतना जीवन शिक्षा नयवाद अपने धर्म अपने आभामण्डल मैं समस्या का अमूर्त्त प्रज्ञापुरुष तुम मैं मन का अहिंसा तत्त्व तेरापंथ एकला उत्तरदायी अपने समस्या घट आहार समस्या घट For Private & Personal Use Only १६६ ७७ १५ २० ८५ २०८ ७८ २६ ६२ ८४ ४७ ७० ५ ८२ १३२ २४३ ६० २१० ११६ २७० ८० २०५. १ & E १ १८६ ५२ ४१६ www.jainelibrary.org

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