Book Title: Mahapragna Sahitya
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 216
________________ १२६ ७४ शिकायत शूल और फूल शृंखला शेष क्या है ? श्रद्धा ६१ अनुभव फूल अनुभव अनुभव अनुभव भाव अनुभव बन्दी भाव फूल श्रद्धा श्रद्धा और तर्क श्रद्धा का चमत्कार श्रद्धा की भाषा श्रद्धा ने पाया आकार श्रद्धेय श्रद्धेय श्रद्धेय और श्रद्धा श्रम और बुद्धि श्रम और सोना श्रेष्ठतम भाव बन्दी फूल अनुभव भाव भाव १३४ ६४ १२२ ० m संकरी पगडंडी संकल्प संघर्ष संतुलन संयम....'शांति संयुक्त राज्य संयुक्त राज्य संविभाग संसार उसी के लिए है सचाई सचाई की समझ सत्यं शिवं सुन्दरम् सत्यं शिवं सुन्दरम् सत्यं शिवं सुंदरम् फूल अनुभव अनुभव बंदी अनुभव विजय नास्ति फूल गूंजते अनुभव भाव नास्ति विजय भाव c १२८ 6 om w ६२ / महाप्रज्ञ साहित्य : एक सर्वेक्षण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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