Book Title: Mahapragna Sahitya
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 246
________________ » २५ سه ۶ ه ه م سه ११२ ر له س 8 مه १३० संवेदन की शक्ति संसर्गजा दोषगुणा भवन्ति संस्कार संस्कार की खूटी संस्कारों का संक्रमण सफलता का मन्त्र सफलता का रहस्य सफल नाटक सब कुछ सब कुछ सबके लिए स्थान सब खर्च हो गये सबसे बड़ा ज्ञानी कौन ? सबसे बड़ा भक्त सबसे बड़ा याचक सबसे बड़ा शस्त्र सबसे बड़ा श्रावक सबसे बड़ी कला सबसे मीठा क्या ? सबसे योग्य सभी मार्ग लक्ष्य की ओर समझ का अन्तर لد ہ مر س س ع س س » १७ مه १२२ له १२८ समझदार م १४२ समता به समय س م समय की पहचान समर्थ س ७७ समाधान गागर س समाधान कथा समाधान م २० १२२ / महाप्रज्ञ साहित्य : एक सर्वेक्षण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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