Book Title: Mahapragna Sahitya
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 237
________________ कथा १२६ W rror m गागर कथा xxx १३७ भक्ति का स्वरूप भय का चमत्कार भय का भय भाई-भतीजावाद भान भामती भार भार कम हो जाएगा भाव का चमत्कार भावना का असर भावना का चमत्कार भावना का चमत्कार भावना-योग भावात्मक चेतना : अभावात्मक चेतना भावावेश भाषा का भेद भुलक्कड़ भूल का प्रायश्चित्त भैस का उपवास भैंस की मलाई भोजन का शौ। ४१ ronorm or गागर ७७ कथा १५५ ४२ orary मतलब कथा or १३० or ७७ मन का जाना न करना मन का विसर्जन मन की आसक्ति मन की उड़ान मन की पटुता मन की बात मन की मृदुता मन की युति or orr १०१ or or १ ८५ ११३ कथा साहित्य | ११३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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