Book Title: Kyamkhanrasa
Author(s): Dashrath Sharma, Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
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५. शिक्षासागर, सं. १६६५ । (एक साथ सं. १७०१ में मरोटमें लिखित ) ।
६. पदनामा ।
७- ८. सतवंतीसत व मदन विनोदकी पूर्ण प्रतियाँ हैं ।
आचार्य शाखा भण्डार
१. रसतरंगिणी, सं. १७११ माघ (सं. १७२४ लि. परिमाण ग्रन्थ १०५४ पद्य ३२७ ) ।
श्रीपूज्य संग्रह
१. ज्ञानदीप, र. सं. १६८६ ।
जयचन्दजी संग्रह
१. ज्ञानदीप
$3 33
२. रसमंजरी (अपूर्ण प्रति ) ।
१. पाहन परीक्षा ।
क्यामखां रासा - भूमिका
बड़ा भण्डार
प्रकाशित ग्रन्थ व ग्रन्थोंके विवरण
जान कविके प्रेमाख्यानोंमेंसे कामलता 'हिन्दुस्तानी' भाग १५, अङ्क ३ में प्रकाशित हो चुका है | हिन्दी साहित्य सम्मेलनसे प्रकाशित सूफी काव्य संग्रहमें १. कनकावती, २. कामलता ३. मधुकर मालती, ४. रतनावली ५, छीता इन पाँचोंकी कथा एवं कथाओंके कुछ अंश प्रकाशित हुए हैं। अतः उनके संबन्धमें विशेष जाननेकी इच्छा वालोंको उक्त ग्रन्थ देख लेना चाहिए ।
कविके अन्य ग्रन्थोंमेंसे १. सतवन्तीसत, २. मदनविनोद और ३. कविवल्लभके श्रादि अन्त, राजस्थानी, भाग ३, अंक ४ में प्रकाशित हैं । एवं १. कविवल्लभ, २. रसतरंगिनी, ३. रसकोष, ४. वैदकमति, ५, पाहनपरीक्षा, ६. कथामोहिनी, ७. बुद्धिसागर, ८. लैलामजन्, ९. ज्ञानदीप, १० कायमरासा, और ११, अलफखांकी पैड़ीका श्रादि श्रन्त, मेरे सम्पादित "राजस्थानमें हिन्दीके हस्तलिखित ग्रन्थोंकी खोज" के द्वितीय भागमें प्रकाशित है । रसमन्जरीका श्रादि श्रन्त सह विवरण मोतीलालजी मेनारिया द्वारा सम्पादित इसी प्रन्थ के प्रथम भागमें है ।
क्यामखानी दीवानोंके समय में रचित ग्रन्थ
start frफख़ाँ व दौलतखांके समय में रचित कई हिन्दी ग्रन्थ उपलब्ध हुए हैं, जिनमें इम दीवान सम्बन्धमें निम्नोक उल्लेख प्राप्त हैं