Book Title: Kesariyaji Rushabhdev Tirth Ka Itihas
Author(s): Motilal Marttand
Publisher: Mahavirprasad Chandanlal Bhanvra Jain

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -१४- . निज मन्दिर में जगत पूज्य परम दिगम्बर भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा बिराजमान हैं उस गर्भगृह के ऊपर विशाल शिखर है । गर्भगृह के बाहर खेलामण्डप की दिवालों मे आमने सामने दो शिलालेख है । जिनमें बाई तरफ सं० १४३१ का एक लेख अङ्कित है वह इस प्रकार है : " श्री आदिनाथ प्रणम्य लोक आश्वासिता केचन बित कार्याडन मोक्ष मार्गे तमादिनार्थ प्रणमादि नित्यमादित्य सं० १४३१ वर्षे वैशाख सुदी अक्षय तिथौ बुध दिनाः गुरावदेहा वापी कुप प्रसरि सरोवरालंकृत खेडवाला पत्तने राज्य श्री विजय राज्य पालयन्ति सति उदयराज सेलया श्री मज्जिनेन्द्राराधन तत्पर पंचूली वागड़ प्रतियात्रा श्री काटठासंघे भट्टारक श्री धर्मकिति गुरोपदेशेन वाये साध वीजासुत हरदास For Private and Personal Use Only

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