________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
३
जगत पूज्य तीर्थकर भगवान की जय घोषणा के रुप में प्रतिदिन ब्रह्म मुहर्त में चार बजे नौवत बजतो हैं। तत्तपश्चात दिन में प्रातः मध्याह्न और सांयकाल आरती के समय भी नौबत बनती है । इस प्रकार रात्रि में भो नौवत बजती हैं, और फिर मन्दिर का द्वार बन्द हो जाता हैं।
दिन में पांच बार नौबत बजती हैं और दो बार मारती के समय भो बेण्ड बजता हैं। इस तीर्थ पर समवशरण मण्डप अथवा जन्मकल्याण के मानन्द का आभास रहता हैं। दर्शकों को प्रानन्द से भगवान के दर्शन पूजन कर असोम पुण्य संचय करना चाहिये।
चैत्र कृष्णा मष्टमी व नवमी को भगवान ऋषभनाथ के जन्मदिन पर मेले का आयोजन होता हैं । इस मेले में सहस्त्रों व्यक्ति दर्शनार्थ पाते हैं इसके अतिरिक्त तीर्थ पर दिप मालिका रप आदि का उत्सव भी मनाया जाता है पर्युषण पर्व के दिन में स्थानीय जैन समाज धर्म साधन कर पुण्य संचय करती हैं । नौचोकि की वेदी पर स्थानीय समाज की ओर से प्रतिदिन नित्य नियम पूजा होती हैं मोर रात्रि में प्रतिदिन शास्त्र स्वाध्याय होता हैं। ऋषभदेव में जैनों के ३०० घर हैं।
मन्दिर को मोर से यात्रियों के लिए मन्दिर के निचे स्नान करने की, उत्तम व्यवस्था है । स्त्रियों के शुद्ध वस्त्र आदि का प्रबन्ध है सो यात्रियों को शौचादि से निवृत
For Private and Personal Use Only