________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
देवरा रंगा भ्रात वेणदास भार्या लाछो म्रात साबा भार्या पांची सुत नाथा नरपाल श्री काष्ठासंघे वाच न्याते काश्यप गौत्रे कडिया हिसा मण्डपः नव चौकियों सनी बड़ पुत्तला सहस टंका सी ८०० इटड़ी कय्यः श्री ऋषभजो श्री नाभिराज कुख पुजः
उक्त लेख से यह प्रमाणित होता है कि खेला मण्डप से बाहर आने पर नोचौकी तथा सभा मण्डप विक्रम सवत् १५७२ में काष्ठासंघी वाच जाति के काश्यप गोत्रा कडिया कोहिया और उसकी पत्नी, भरमी, के पुत्र हीसा ने लगभग ८०० टंका (उस समय को प्रचलित मुद्रा) खर्च करके बनवाये थे।
इन दोनों शिलालेखों से यह स्पष्ट प्रमाण मिलता है की गर्भगृह तथा उसके आगे का खेला मण्डप (निज मन्दिर) वि० सं० १४३१ में और नौचौकि तथा सभा मण्डप १५७२ में बने हैं । खेला मण्डप में इस समय २३ जिन प्रतिमाएं विराजमान हैं । उत्तर दक्षिण दिशा में लिखे हुए शिलालेखों के नीचे सिंहासन सहित श्यामवर्ण की जो जिन प्रतिमाएं विराजमान हैं, उन्हे "पंच परमेष्ठी" कहते हैं। 'पच परमेष्ठो, के मुलनायक के दोनों ओर खड़ी मूर्तियां दिगम्बरत्व की द्योतक दर्शनीय है । मण्डप पर गुम्बज बना हुआ है नौचौकी मण्डप के मध्य भाग में १॥ फिट ऊंची वेदी बनी हुई। उसके दक्षिरण स्तम्भ पर श्री क्षेत्रपालजी की मूर्ति है तथा पास ही देश दिग्पालों का स्तम्भ हैं ।
For Private and Personal Use Only