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हत्याकाण्ड के नाम से प्रख्यात है । अतः इस विषय में संक्षेप में भी सत्य वर्णन करना न्याय संगत ही होगा।
१९८४ का हत्याकाण्ड
(१) एतिहासिक सिंहावलोकन
निज मन्दिर के खेला मण्डल में वि० सं० १४३१ और १५७२ के अभय लेखों से यह प्रमाणित होता है कि मूल मन्दिर का जीणोंद्वार दिगम्बर जैन भट्टारकों के तत्वाधान में शाह हरदाश के पुत्र पूजा तथा कोता ने एवं हीसा ने करवा कर प्रतिष्ठा करवाई थी। बाद में जिनालयों का निर्माण भो काष्ठासंघो एवं मूलसंघी भट्टारकों के उपदेश से हुना है ओर उन्हीं के तत्वाधान में प्रतिष्ठाएं भी सम्पन्न हुई थी मन्दिर के किलेनुमा कोट एवं मुख्य द्वार का निर्माण १९६३में सागवाडाके एक दिगम्बर जैन सेठने करवा था इसप्रकार प्राप्त शिलालेखों के आधार पर सत्य प्रमाणित होता है प्राचीन
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