Book Title: Kayvanna Shethno Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 5
________________ ( ४ ) कृतपुण्य, बेटी जुवो शाहरी हो लाल ॥बेटी०॥१॥ वहूअर विण घरवास, शूनो रण जाणीय हो लाल ॥शूनो॥ वदूधर पडे मुज पाय, तो विकसे वाणी दो लाल ॥तो वि०॥ वहू परणे जो पुत्र,देखुं हुं पोतरो हो लाल ॥दे॥ रहे आपणुं घर नाम,वली वंश गो तरो हो लाल ॥वली॥॥ धनदत्त मानी वात,जोशी तेडी करी हो लाल ॥जोशी॥ सागरदत्त वड शाह, मागी तस दीकरी हो लाल॥मागी॥ कुंवरी जयसिरि नाम,रूपें देवकुंवरी हो लाल ॥ रूपें ॥ परणावी धरी प्रेम,बारिम कारिम करी हो लाल ॥धारि॥३॥ कुन वंती गुणवंती, शीलें सीतासती हो लाल ॥ शीलें ।। चौशल कलानीजा, वागीयमीरस वरसती हो ला लावाणी ॥ नारीने जरतार, जोडी सरखी जडी हो लाल ॥ जोडी॥ हर गैरीि राधा कृष्ण,काम रती पर गडी हो लाल ॥काम॥४॥ हर्षित दूध मावित्र,सुज श जग विस्तखो हो जाल ॥ सुज०॥ दीधो महेल या वास, चित्रामें चितस्यो हो लाल ॥चित्रा॥ जाणे देव विमान, दीसे ए दूसरो हो लाल ॥ दीसे ० ॥ अलमल फलके जोर, धूनो नवि धूसरो हो ताल ॥धूनो॥५॥ विच हिंमोला खाट,सोने रतने जडी हो लाल सोने Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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