Book Title: Katantra Vyakaranam Part 03 Khand 02
Author(s): Jankiprasad Dwivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
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३९१
अपास्थत
२००
१२४
१६९,
परिशिष्टम्-३ क्र०सं० शब्दरूपाणि पृ०सं० क्र०सं० शब्दरूपाणि पृ० सं० ९९. अपादि
६३१२५. अयासीत्
३६५१२६. अरन्धि १०१. अपीप्यत् २२८१२७. अररक्षत्
३०६ १०२. अपुषत्
१६२/१२८. अरार्यते १०३. अबिभः
४३११२९. अरावीत्
२४६. ३२२ १०४. अबिभयुः १५९/१३०. अरिरिषति ___३९३ १०५. अबिभरुः
१६०१३१. अरु: ६१, २९१ १०६. अबुद्ध ४३२१३२. अरोदी:
३६२ १०७. अबुद्धाः ४३२१३३. अरोदीत्
३६१ १०८. अबोभोत् ३७३/१३४. अरौत्सीत
२४८ १०९. अब्रवीत् ३५९/१३५. अदिधिषति
४१७ ११०. अभित्त ३२०१३६. अर्पयति
२६८ १११. अभित्थाः ३२०१३७. अर्यते
१२३ ११२. अभित्साताम् १६९/१३८. अलब्ध
४३२ ११३. अभुद्ध्वम् ३७२१३९. अलब्धाः
४३२ ११४. अभूत् १५०,१७४,४१९१४०. अलविवम् ३१९ ११५. अभूताम् १७४,४१९१४१. अलावि ६३, २४४ ११६. अभूवन् १०२, १७४१४२. अलावीत् २४७, ३२२ ११७. अभूवम्
१०२/१४३. अलीढ ११८. अभेत्सीत् २४८१४४. अलीढाः
४३२ ११९. अमा ३३१, ४६४/१४५. अलीढ्वम् ४३५ १२०. अम्लासिष्टाम् ३९११४६. अलुः ६१, २९१ १२१. अम्लासीत्
३९११४७. अलेट ३१४, ३२६, ४३० १२२. अयंसिष्टाम् ३९१/१४८. अवधि
११२ १२३. अयंसीत् ३९० १४९. अवधिष्टाम्
१३४ १२४. अयासिष्टाम् ३९११५०. अवधीत्
१३४
४३२
सास

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