Book Title: Katantra Vyakaranam Part 03 Khand 02
Author(s): Jankiprasad Dwivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay

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Page 645
________________ परिशिष्टम् - ६ क्र०सं० विशिष्टशब्दादिकम् पृ० सं० | क्र०सं० विशिष्टशब्दादिकम् पृ०सं० ६३०. भावादिकर्मणोः १४६ | ६५४. मतान्तरम् ४७,५९,८०, ६३१. भाविसंज्ञा ४ २१४, २४६, ३२३, ६३२. भाषणम् ८, ५४,१११,१६०, ३७६,४५०, ४५४ २७२ १७५, १७६, १९१,२०२, २०७, ६५५. २६१,२६२,२९३,३२३,३५५ | ६५६. ६३३. भाषायामपि प्रयोगः भाषायामप्यभिधानम् ६३४. ६३५. भाषितपुंस्कम् ६३६. भाष्यचिन्तितम् ६३७. भाष्यसम्मत: पक्ष: ६३८. भाष्यसम्मतम् ६३९. भिन्नकर्तृकत्वात् ६४०. भिन्नयोगः भिन्नविभक्तिनिर्देश: भिन्नविभक्तिनिर्देशात् ६४१. ६४२. ६४३. भूतपूर्वगत्या ६४४. भूतपूर्वा प्रकृति: ६४५. भूपालस्य निन्दा ६४६. भूषणम् ६४७. भूषणे ६४८. भोजनम् ६४९. ६५०. मण्डूकप्लुतिः ६५९. भोजनविशेषार्थम् मलान्तरे मतान्तरेण २३६ | ६५७. मनोरमामतम् २२६५८. मन्दधियः २९९,३३३ ६५९. ४६३ | ६६०. ४५९ ४२०, ४२१ ४०२ ३८२ ६६१. मण्डूकप्लुत्या ६५२. मतद्वयमपि प्रमाणम् ६५३. ६६२. २२७/६६३. ६६४. २४१ ३७१ | ६६५. ३११ ४५९ १२२,३९३ | ६६६. ७१ | ६६७. ३९२ | ६६८. १७९/६६९. ४२२ १३३.२८६ | ६७०. ४६५ | ६७९. मतद्वयमपि सम्मतम् ४६६ / ६७२. मन्दधियाम् मन्दधियां सुखप्रतिपत्त्यर्थम् मन्दधियां सुखसम्बन्ध विशेषज्ञापनार्थम् मन्दधीः मन्दमतिः ६०७ ३२८,३९० ४६६ ७५ ७२ मन्दमतिबोधार्थः मन्दमतिबोधार्थम् मरग्विषये महाधात्वधिकारात् माङ्गल्यम् मानम् मृगरमणम् २३५ २६९,३६४ मन्दमतिबोधनार्थत्वात् ४६३ मन्दमतिबोधनार्थम् ७२ ३२५ ३२०,३५७,३६८, ४००, ४६५,४८२ ९३ ९५,३३८ ४११ ९६,९७, २४२, ३७१ ४०५ ७७ १०५

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