Book Title: Katantra Vyakaranam Part 03 Khand 02
Author(s): Jankiprasad Dwivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
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कातन्त्रव्याकरणम्
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परिशिष्टम् - ७ = उद्धृतग्रन्थसूची क्र०सं० ग्रन्थनाम पृ० सं० क्र०सं० ग्रन्थनाम पृ० सं० अमरकोशः ३००,३३५
११५,१२७,१६८,२०५, २. आद्यव्याकरणम् ४४१ ३०२,३४६,३८२,४६२,४७१
आधुनिकव्याकरणानि ४४१ १९. दुर्गवाक्यप्रबोधः १६८ ऋक्प्रातिशाख्यम् ४८६ २०. दुर्गवाक्यम्
३४६ कलापचन्द्रः सूत्रव्याख्या २१.
दुर्गवृत्तिः
४४५ (इसके अभाव में बिल्वेश्वर-टीका २२. दुर्गासप्तशती १९० दी गई है)
२३. निरुक्तम् ४,४८६ कलापपरिभाषासूत्रम् ५९.६७/ २४. न्यास:
४२,४३ कातन्त्रपरिभाषावृत्तिः ३२,७६ २५. पञ्जिका १९३,२२२,२२६ कातन्त्रवृत्तिः प्रत्येक सूत्र पर| २६. पञ्जी ११,७६,९४,१२८, कातन्त्रवृत्तिटीका प्रायः प्रत्येक २०५,२११,२२३,२३५,३००,४६४
सूत्र पर २७. परिभाषावृत्तिः १८१,३०० १०. कातन्त्रवृत्तिपञ्जी प्राय: प्रत्येक २८. पाणिनीयाष्टाध्यायी १४, सूत्र पर
१६,१९ ११. कातन्त्रोणादिसूत्राणि ६२९. पुरुषोत्तमपरिभाषावृत्तिः ५,८ १२. काशकृत्स्नधातुव्याख्यान ४,३०. __ पूर्वाचार्यव्याकरण ४४२
४८४,४८६,४८८ ३१. प्रदीप: १३. काशकृत्स्नव्याकरण ४४२| ३२. फक्किका
३०० काशिकावृत्तिः २७० ३३. फिट्सूत्रम्
४८४ गोपथब्राह्मणम् ४.४८४ ३४. बिल्वेश्वरैटीका सूत्रव्याख्या चान्द्रपरिभाषावृत्तिः १११] (कलापचन्द्र के अभाव में जैनेन्द्रव्याकरण ४,४८४. इसे दिया गया है)
४८६.४८८ ३५. भट्टि: (काव्यम्) १६,३८. १८. टीका ३९,६५,११३.११४.
३९.१३३
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