Book Title: Karm Vignan Part 05
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 11
________________ ( ७ ) सन् 1988 में श्रद्धेय उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी महाराज एवं आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी महाराज अहमदनगर वर्षावास सम्पन्न कर औरंगाबाद पधारे, तब आपका आचार्य श्री से सम्पर्क हुआ। आचार्य श्री के साहित्य के प्रति आपकी विशेष अभिरुचि जाग्रत हुई । कर्म-विज्ञान पुस्तक के प्रकाशन में आप श्री ने विशिष्ट अनुदान प्रदान किया है। तदर्थ संस्था आपकी आभारी रहेगी। आपके व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं : Pratishthan Alloy Castings Dr. Desarada & Associates, Parason Machinery (India) Pvt. Ltd. Sunmoon Sleeves Pvt. Ltd. पता 'अनुकृपा' 28, व्यंकटेश नगर, जालना रोड औरंगाबाद -431001 दूरभाष : (कार्यालय) 26156, 26546 (निवास) 28944 Jain Education International चुन्नीलाल धर्मावत कोषाध्यक्ष श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय, उदयपुर For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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