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( 12 ) Ņ u and su o of the affixes ktwá (at) and swadi (खादि-सु,ौ &c.) have optionally Anuswarra on their top; as-वा-काऊण, काऊण, ( कृत्वा); स्वादि-वच्छेण, वच्छण (वृक्षण); वच्छ सुं वच्छ सु (वृक्षेषु);
॥विंशत्यादेर्लुक् ।। २६ । १ । विंशत्यादीनामनुस्वारस्य लुगभवति ।
The Anuswara (CET) of vinsati &c. is elided as वीशा, (विंशतिः); तीसा (त्रिंशत्) ; मक्क (संस्कृत); सकारो (संस्कारः); सत्तु अं (संस्तुतं);
॥ मांसादेवी ॥ २७ । मांसादीनामनुस्वारस्य लुग वा भवति ।
In such words as Mánsa Ata &c. the use of Anuswara अनुखार is optional as मासं, मंसं (मांस); मासलं, मंसलं (मांसलं); कास, कंसं (कांम) ; पासू, पंसू (पांसु); कह, कहं (कथ); एव एवं (एवं); एणण, णू ण (नून); कि, किं (किम् ); दुअआणि, इअणों दाणि, दाणि (दूदानी); समुई, संमुहं (सम्मुख) ; किसुश्र, किंसु (किंशाक); सीहो, सिंघो (सिंहः);
१ कल्पलतिकायां सूत्रस्यास्यैवं रूपमस्ति In kalyalatika the corresponding sutra is as follows “ लगविन्दो विशति समेष दीर्धाः ” The Anuswara
TERT of such words as vinsati and the like, is elided and the initial vowels become long ; बीसई, वीसा &c., (विंशतिः) ; वामनाचाय्य स्य मते केवलं संस्कत, संस्कार, संस्तत शब्देष नित्यमनुखार लोपः।
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