Book Title: Karan Prakash
Author(s): Bramhadev, Sudhakar Dwivedi
Publisher: Chaukhamba Sanskrit Series Office
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( 124 ) थुमच्छब्द रूपाणि । Declension of the word युष्मत् (yushmat.) एकवचनं
वहुवचनं तुमं, तं, तुं, झे, तुज्ये, तुज्म तुन्ह, १ मा (nom.)
। तुवं, तुह । तुम्हे, उन्हे, तुह्ये
तं, तुं, तु, तुम वो, तुज्म', तुम, या (acc.)
(तुइ, तुमे, तुए तुम्हे, तुह्ये,
दे, ते, तद, तुए, (तुम्हे हिं, तुह्येहिं, उन्हें हि, ३ या (instr.) तुमं तुमदू, तुमए, १ उज्म हि, तुज्न हि,
(तुमे, तुमादू (दूत्यादि तत्तो, तदत्तो, तुवत्तो तुम तुम्हाहितो तुमाहिती
तो, तुज्झत्तो, तुम्हत्तो, तु. तुज्मत्तो, तुम्हत्तो ५मौ (abl.)
हत्तो, तुह्यत्तो तदो, तुव, तेहितो, दुहितो (दुहि, तुमहिंतो, इत्यादि। इत्यादि ।
(तुह, तुज्म, तुम्म, तु, तु, (वो, भे, तुज्म, तुह्याण, ६ष्ठी (gen.) (ते, तुम्ह, तुह, तुहं, तुव, तुन्हाण, तुमाण, तुहाण
(तुम, तमे, तुमाद, दे,तु ह्य उन्हाण, तुवाण इत्यादि
(तदू, तए, तुमए, तुमे, तुमाद् (तुसु, तुम्हे मु, तुह्येस ७मी (loc.) २ तद, तुम्मि, तुमम्मि, तुवम्मि, तुहसु, तुमसु, तुहेस
(तुहम्मि, तुज्झम्मि, इतादि (इतादि मागध्यां युभद् शब्दस्यस्थाने तुप्पं, तुम्ह इत्यादेशौ भवतः ।
In the magadhi तुप्प, and तुम्ह are substituted for yusmad.
शौरसेन्यां युअच्छब्द रूपाणि ।
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