Book Title: Karan Prakash
Author(s): Bramhadev, Sudhakar Dwivedi
Publisher: Chaukhamba Sanskrit Series Office

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Page 274
________________ ( 152 ) फुट, फुड, स्कुट स्कुट (हास्य) मण्ड वि-वृत नृत क्वथ ग्रन्थ मंथ चिंच, चिंचत्र, चिचिन, रोड, विडिला; (तोड, तुट्ट, खुट्ट, खुड, उखुख, उपमुक्क, णिलुक्क, (लुक्क, उस्मर घुल, घोल, धूम्म, पहल (१) नच्च ; ढंस, विवट्ट नच ; अह, कढ ; गण्ठ विरोल, धुमल ; अब अञ्च, (ण्यन्तस्याप्यस्यैवं रूप) णुमज्ज (दुहाव, पिच्छल, णिहोर, णिव्वर, णिमूर, लूर, हिंद; (श्रापूर्वकस्य छिदेः) उत्रांद, उद्दाल इत्यादेशौ विज; (मल, मढ, परिहठ्ठ, खड्ड, चड्ड, मड, (परमाड ; साद नि-सद হিৰ विद म्हद () In the s'aurasení only ghumma is substituted for ghurpa (wir सेन्यां केवलं घुम्म इति । Aho! Shrutgyanam

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