________________
५८. प्रातः प्रवचन हाजरी ५६. स्थानान्तर स्यूं भी... ६०. हो गुरु... तंय्यासी री साल जो ६१. हो गुरु... कांटे-बींध्यो पाय जो ६२. बीदासर-नोहरे उदर-व्यथा ६३. हो गुरु...इठ्यासी री बात जो ६४. हो गुरु... निज मघवा री रीत जो ६५. हो गुरु... अध्यापन हित आप जो ६६. हो गुरु... आ'र समय अवधार जो ६७. दो माजी इण रूपे मिलिया ६८. जन्म पूज रो जग उद्धारण ६६. बारह बरस हरस दिल आणी ७०. सारो दीक्षा-व्यतिकर समझो ७१. यूं गणरक्षण और प्ररोहण ७२. बड़ा-बडेरा लोग घणेरा ७३. दृढ़ आस्था स्यूं स्वाम सुणायो ७४. एक भगवती-काजे कीन्हो ७५. चंदन है वन-वन में भारी ७६. खानदेश सी.पी. मुगलाई ७७. तीव्र तपस्या श्रमण-सत्यां में ७८. जनगणना में तेरापथ रो ७६. विद्या-प्रेम अपूर्व अंग में ८०. षडदर्शन प्रमाणनय ८१. प्राकृत रो व्याकरण रटायो ८२. आगम-अनुशीलन नव-पद्धति-बीज ८३. असवारी री राग सुणाओ ८४. 'कुमारी ना' है कवण विभक्ति ५५. शिव-जागरण शयन पुनि म्हारो ८६. चली पाठशाला गुरुकुल-विधि ८७. साध्वी-दीक्षा पर शिक्षा री ८८. अगर व्यर्थ पांडित्य-प्रदर्शन ८६. नवदीक्षित संता सतियां री ६०. भीम
परिशिष्ट-१ / २६३