Book Title: Kaluyashovilas Part 02
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 407
________________ ढकोसला ढांचूं ढाळ ढिलक्कत ढील तकदीर-विहूणो तड़ाकै तणी तरंग तरषणा तर्पण ताढ ताणाबेजो तामझाम मतलब साधने के लिए किया जाने वाला पाखण्ड। ढांचा बिछाकर धॉय-धॉय की आवाज विलम्ब भाग्यहीन शीघ्रता संबंध लहर प्यास, आकुलता तृप्ति ठण्ड, सर्दी तानाबाना, मानसिक उलझन पालकी विशेष तपावो, परीक्षा करो तिनका तावो तिणकलो तुण्ड तुरीय मुख तेड़/तेड़णा तोरो त्रपा त्रिस्रोता थरहर्यो/थरहरणा थर्पण थाग थोभन/थोभना दंभोली दमाला चतुर्थ मिथ्या अफवाह बुलाना प्रभाव लज्जा गंगा कांपना स्थापन, रचना पार रोकना, वश में करना वज्र साफा, सिर पर बांधने का एक वस्त्र, जो पगड़ी से ज्यादा चौड़ा व कम लंबा होता है। समुद्र दरियाव परिशिष्ट-४ / ४०५

Loading...

Page Navigation
1 ... 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420