Book Title: Kaluyashovilas Part 02
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 413
________________ घामोलो मूंढै मृन्मय-पिण्ड मेड़यां मेलावड़ो मेड़ा मोघ मोघम म्हातम म्हालता यथेष्ट योजित पाणी रंगरळी रंगरोळ रणकंकण रणतूर रति - रयणराशि रश्मि - रमण रसज्ञा रांगडरासे (सा) ठा रामत रूखरे रूपाळा रेस रोचि लख लघुवय बहुत कीमती मुंह मिट्टी का गोला मकान के सबसे ऊपरी कमरे । एक स्थान पर सम्मिलित होने का भाव । मेघ व्यर्थ सामान्यतः, विशेष नामोल्लेख बिना कही जाने वाली बात का भाव | महत्ता, माहात्म्य मस्त इच्छानुसार, पर्याप्त बद्धांजलि आनन्दोत्सव मौज-मस्ती एक प्रकार का बाजा, जो राजा की सवारी के आगे बजता था । युद्ध के समय बजने वाला वाद्य विशेष । भाग्यहीन समुद्र सूर्य जिह्वा अड़ियल लोगों की लड़ाई । अरहर के कुएं क्रीड़ा, खेल वृक्ष सुंदर, मनोहर रहस्य किरण देखकर, जानकर छोटी उम्रवाला परिशिष्ट-४ / ४११

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