Book Title: Kaluyashovilas Part 02
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 410
________________ परदरसणी परिमोषी पलिमंथ पवाड़ा पांगस्या/पांगरना पांतस्या/पांतरना पाणो पाथ पायस पारो पार्वतप्रदेश पाळा पिंजर पिंड पुरुषोत्तम जैनदर्शन से अन्य दर्शनों में आस्थाशील चोर अवश्यकरणीय कार्य में व्याघात पैदा करने वाला। प्रवाद, मत-मतान्तर पधारना भूलना प्रण, मोर्चा पंथ, मार्ग खीर प्रभाव, क्रोध पर्वतीय क्षेत्र पैदल शरीर शरीर तीर्थंकर पुहवी पृथ्वी पृच्छक पोख प्रतिक्रमण प्रश्नकर्ता पोषण हस्तलिखित ग्रन्थों की सुरक्षा के लिए वस्त्र, कागज या प्लास्टिक से बनाया जाने वाला पेटीनुमा उपकरण। अतीत के दोषों से निवृत्त होने के लिए किया जाने वाला अनुष्ठान। प्रतिध्वनि विपक्षी विपक्षी प्रतिरव प्रतिवादी प्रत्यनीकता प्रद्योतन प्रेखक प्रेष्ठ फफोलो फबै फबना दर्शक प्रिय एक प्रकार का फोड़ा, व्रण उचित प्रतीत होना, अच्छा लगना। फलना, विकसित होना ४०८ / कालूयशोविलास-7

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