Book Title: Kaluyashovilas Part 02
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 408
________________ दाझ जलन, दाह दाना दारमदार किसी कार्य का किसी पर अवलम्बित रहने का भाव दावपेंच कुटिल चाल, छल-कपट दावो मुकदमा दिगंगना दिशा सुंदरी दिहाड़े दिन दुचिताई चिंता दुधारी दोहरी दोभागी मंद भाग्यवाला दोली निकट दोहग दुर्भग, दौर्भाग्यशाली दोहड़ो तीव्र अभिलाषा दोहिलो दुर्लभ दौर्विध्य दुर्भाग्य द्रविण-विहूणो निर्धन धणियां स्वामी धणियापः स्वामित्व धमीड़ा लेना मुक्का मारना धरक्खन सिंह की दहाड़ धर्मध्वज रजोहरण धहूड़ा धववृक्ष धांत (घ्वांत) अंधकार धाक प्रभाव धाको धिकासी काम चलेगा धाता विधाता धाम मकान धिंगाणे बलपूर्वक धींग बलिष्ठ धीज पतीजै/पतीजना विश्वास करना नांगला जैनमुनि का एक उपकरण, जिसमें पुस्तक आदि डालकर ४०६ / कालूयशोविलास-२

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