Book Title: Kaluyashovilas Part 02
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 391
________________ ४/६ अन्तर ढाळ ४/६, ६/५ ठुमक ठुमक पग धरती नखरा करती । गीत प्रीत का गाती देखो, ४/१० ४/११ पिओ नीं परदेशी कोई कब ही क्यूं पीवो भांग तमाखू । आंको जीवन रो मोल, टांको घट-पट रो खोल, झांको जहरीलो झोल ।। कोई कब ... ध्रुव . भांगां बागां बिच घोटे मोटे सिल्लाड़े, छोटा-मोटा मिल संग । पीवै अरु पावै मन की गोठ पुरावै, हो ज्यावै रंग विरंग ।। ४/११ आई बरखा बीनणी हो बीनणी हो बीनणी ।। भुवन सुन्दरी जय सुन्दरी, अति सोहै रे, मन मोहे रे मुनिवर को जांण । मुनि मन मोह्यो माननी ।। ध्रुव. कर जोड़ी ऊभी रही रे, मुख बोलै रे अति मीठी बाण मुनि मन मोह्यो माननी । । जग बाल्हा, जग बाल्हा जिनेन्द्र पधारिया । । मुझ शरणो, मुझ शरणो थावो अरिहंत नौ । सुख करणो भव-तरण शरण भगवंत नौ ।। ध्रुव . चउतीस अतिशय युक्त ही अष्ट महाप्रतिहार्य हो वर शोभा, अति शोभा अशोकादिक तणी । समवसरण शोभे रह्या, ते देव जिनेन्द्र सुआर्य हो । । मुझ शरणो... * अन्तर ढाळ जी कांइ वीरमती नारी तणां जी कांइ देखो चरित्र विरंग । । ध्रुव . वीरमती तरु अम्ब नै कांइ दीधो कम्ब - प्रहार । विमलपुरी देखाड़ तू जी कांइ, अमने अहो सहकार । जी कांइ वीरमती नारी ... परिशिष्ट-३ / ३८६

Loading...

Page Navigation
1 ... 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420