Book Title: Kaluyashovilas Part 02
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 402
________________ ऋष्य हरिण ऐसा एहड़ा ऐन ओक ओखाणो ओछी (छो) ओपरी छाया ओरी-दोरी ओळ बिल्कुल, कानून भवन कहावत, दृष्टांत कम भूत-प्रेत का प्रभाव इधर-उधर, चारों तरफ पंक्ति उपालम्भ अवसर सामान्य विधि कान कर्नाटक बंदूक उष्ट्रपालक ओळमो ओसान औत्सर्गिक करणां करणाटी करनाळी करभी कर्णेजपता कर्म-विजित्रा कलदार कलाण काची चुगलखोरी काण काथ कामकलश कामदुधा कास किलबिललावै किसब कीकर कुमिणा कूकै कूकना कर्मों को जीतनेवाली चांदी या किसी अन्य धातु से बना रुपए का सिक्का। मेघ-घटा कच्ची, अस्थिर कसर, मर्यादा काढा, व्यक्तियों की भीड़ इच्छा पूर्ति करने वाला कलश। कामधेनु खांसी कुलबुलाना धंधा कैसे कमी रुदन करना ४०० / कालूयशोविलास-२

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