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तहेव सावज्जणुमोयणी गिरा ओहारिणी जा य परोवघायणी ।
से कोह लोह भयसा व माणवो न हासमाणो वि गिरं वएज्जा ॥
One should not speak, out of anger, greed, fear, ego or for the sake of humour, such words as may encourage sin, or derogate others or may be instrumental in killing others.
क्रोध, लोभ, भय, मान या मजाक में भी साधक सावध का अनुमोदन करनेवाली, अन्य का पराभव करनेवाली और अन्य का उपघात करनेवाली भाषा न बोले ।
ङोध, लोभ, भय, भान डे भभ-भश्रीमां जेवी भाषा ન બોલવી જોઈએ કે જે પાપને વખાણનારી હોય, બીજાનો પરાભવ કરવાવાળી હોય કે બીજાનો ઘાત કરનારી હોય.
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