Book Title: Jaino Ka Itihas Darshan Vyavahar Evam Vaignanik Adhar
Author(s): Chhaganlal Jain, Santosh Jain, Tara Jain
Publisher: Rajasthani Granthagar

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Page 11
________________ आशीर्वचन ॐ अर्हम् श्री छगनलाल जैन द्वारा तत्वार्थ सूत्र जैसे मौलिक ग्रंथ जो समस्त आगम के सार रूप में पहला संस्कृत ग्रंथ है का हिन्दी, अंग्रेजी में सूत्रों का निकटतम् अनुवाद करने का प्रशंसनीय प्रयास किया है। उसी क्रम में उन्होंने तथा उनकी पुत्री डॉ. संतोष जैन एवं डॉ. तारा जैन के सहयोग से जैन इतिहास, जैन दर्शन व्यवहार एवं जैन दर्शन तथा विज्ञान का सापेक्षिक सम्बन्ध आदि पर लगभग इकतीस उपयोगी लेख लिखे हैं; जो उनके अध्ययनशीलता, गहन ज्ञान एवं जिज्ञासु प्रकृति एवं श्रम साधना के परिचायक हैं। श्री जैन, उनकी पुत्रियों एवं परिवार को मैं हार्दिक आशीर्वाद देता हूँ एवं इन सबके कल्याण की कामना करता हूँ । वे उत्तरोत्तर ऐसे पुनीत प्रयास करें। मुझे पूर्ण विश्वास है कि जैन एवं अन्य समाज का बौद्धिक वर्ग इनके प्रयास से बहुत लाभान्वित होगा। हिन्दी अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कई महत्वपूर्ण लेख हैं। अतः अंग्रेजी भाषा-भाषी व अहिन्दी भाई-बहिन व समस्त पाठकगण देश भर में जैनत्व पर आधारित इन लेखों से लाभान्वित होंगें, आध्यात्म की ओर जीवन में अग्रसर होंगे । त्रिस्तुतिक संघ के आचार्य श्री रविन्द्र सुरी

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