Book Title: Jaino Ka Itihas Darshan Vyavahar Evam Vaignanik Adhar
Author(s): Chhaganlal Jain, Santosh Jain, Tara Jain
Publisher: Rajasthani Granthagar
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प्रस्तावना/6
इस पुस्तक के लिखने की प्ररेणा मुझे श्रद्धेय मनिश्री रिषभविजयजी ने दी जो महाप्रभावी हैं। ज्योतिषाचार्य होने के साथ-साथ महान तीर्थ मोहनखेड़ा के सुसंचालन में मुख्य भूमिका निभाते हैं। मैं उनका हृदय से आभारी हूँ। नतमस्तक पूर्वक वंदना करता हूँ।
अन्त में हमारे त्रिस्तुतिक संघ के उदयमान आचार्य श्री रविन्द्रसुरी जी के प्रति मेरी सम्पूर्ण कृतज्ञता, वंदना प्रकट करता हूँ जो सदा ही ज्ञानवृद्धि में, जैसे मेरे द्वारा तत्वार्थ सूत्र के हिन्दी, अंग्रेजी अनुवाद पुस्तक प्रकाशन में भी तथा इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए भी परम सहयोगी रहे हैं।
अन्त में मैं विशेष आभार मेरी बेटियाँ डॉक्टर संतोष जैन, एवं डॉ. तारा जैन के लिए भी प्रकट करना चाहता हूँ जिनकी इन लेखों के सम्पादन में काफी भागीदारी रही है। वास्तव में उन सबका आभारी हूँ व रहूंगा जो इन लेखों को आप तक पहुंचाने में सहयोगी होंगे और लाभान्वित होंगे। विनम्रता पूर्वक कमियों, (त्रुटियों) के सुधार के लिए सुझावों की भी आपसे अपेक्षा करता
विनीत छगनलाल जैन