Book Title: Jainism Course Part 01
Author(s): Maniprabhashreeji
Publisher: Adinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi

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Page 11
________________ अनुक्रमणिका 01 08 21 45 46 46 47 47 47 जैनाचार-1 मैं कौन हूँ? मेरे परमात्मा नवपद (नवकार) मेरे गुरु रिश्तों में मधुरता-1 हर घर जैन बनें सूत्र एवं अर्थ विभाग-1 मुझे पढ़कर ही आगे बढ़े नमस्कार (नवकार) सूत्र पंचिदिय (गुरुस्तुति-गुरुस्थापना)सूत्र खमासमण (पंचाग प्रणिपात) सूत्र इच्छकार सुहराई (सुखसाता पृच्छा) सूत्र अब्भुट्टिओ सूत्र (गुरु खामणा सूत्र) इरियावहियं (प्रतिक्रमण) सूत्र तस्स उत्तरी सूत्र अन्नत्थ सूत्र लोगस्स (चतुर्विंशति-स्तव) सूत्र करेमि भंते (सामायिक) सूत्र सामाइय-वय-जुत्तो (सामायिक-पारण) सूत्र नवकारसी का पच्चक्खाण चउविहार-तिविहार का पच्चक्खाण किसमें कौन श्रेष्ठ है? कौन क्या खाता है? जैन इतिहास-1 श्री वीर गौतम चरित्र रात्रिभोजन महापाप हंस और केशव की कथा समरो मंत्र भलो नवकार 48 49 50 51 52 52 53 53 54 54 55 70

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