Book Title: Jainagam Stoak Sangraha Author(s): Maganlal Maharaj Publisher: Jain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar View full book textPage 9
________________ प्रकाशक का निवेदन प्रवर्तक पं० रत्न स्वर्गीय श्री मगनलाल जी महाराज साहब के सुशिष्य, सिद्धान्त प्रभाकर तपस्वी श्री मेघराज जी महाराज साहब के द्वारा पुनः संयोजित "जैनागम स्तोक सग्रह" नामक ग्रन्थ का प्रकाशन करते हुए हमे परम-प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। थोकड़ा-पद्धति ज्ञान-राशि का उद्घाटन करने के लिए एक प्रकार से कुजी के समान है । पुस्तक को हर-प्रकार से उपयोगी बनाने का भरसक प्रयत्न किया गया है। फिर भी यदि कोई कमी रह गई हो, अथवा प्रेस की कोई त्रुटि रह गई हो तो कृपया प्रेमी पाठक वन्धु क्षमा करने की कृपा करे।। सुविख्यात वक्ता, कवि,"साहित्यरत्न" पं० रत्न श्री अशोक मुनिजी महाराज ने इसके लिए प्रारम्भिका लिखने की महती कृपा की। मस्था उनकी कृपा की सदा आकाक्षी है। श्री रतनलाल जी सघवी न्यायतीर्थ छोटी सादडी वालो का संस्था प्रेम पूर्वक उल्लेख करती है कि जिनके कारण से हमें ऐसे उपयोगी ग्रन्थ को पुन प्रकाशित करने का सुअवसर प्राप्त हुआPage Navigation
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