Book Title: Jainacharya Pratibodhit Gotra evam Jatiyan
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Jinharisagarsuri Gyan Bhandar

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Page 17
________________ राव १४ गणधर चोपडा गोत्र खरतर जाति कायथ हिंसारी गण कहाणा. १५ पीतलिया गोत्र बद्ध खरतर दसभि नी दिहाडो माने ते ख० । १६ कान्हउगा गोत्र बद्ध खरतर १७ Dदवछा पूँ० दसम नी दिहाडी माने ते गोत्र खरतर । १८ वैताला बद्ध गोत्र खरतर १९ नाहटा तथा बापणा धुत्त ते सर्व १० दिहाडी करे । तेरे १३ साखि ते खरतर २० सोनिगरा दसमनी दिहाडी वाला खरतर २१ वोहिथरा दोनु भाई गोत्र बद्ध खरतर देवडा रजपूत राव सामतसी-रा केड सोनगर वास २२ बुच्चा गोत्र बद्ध खरतर । सोजतिया अडक चरतर । २३ वैद बोहड बर्द्धमान शाखाबद्ध खरतर सेवडिया २४ संखबालेचा खरतर कोचर संघवी ना केडा ना खरतर गोत्र बद्ध २५ माह गोत्र बद्ध खरतर पमार जाति प्रल्ह राजा रजपूत ...चउहाण २ मल्हाला अडक फोफलिया २६ लोढा १० दिहाडीवाला खरतर राय १ । कट्ट २॥ २७ वरढिया मध्ये दरडा बद्ध खरतर २८ चंडालिया गोत्र दसम री दिहाडी करै ते खरतर २९ आयरिया गोत्र बद्ध खरतर . .. . ३० ढींक बद्ध गोत्र खरतर ३१ सीसोदिया नडुलाई वाला खरतर ३२ डांगरेचा बद्ध गोत्र खरतर ....:... ३३ फसला गोत्र बद खरतर ३४ सिंधुउ खरतर साउंसखे लिले Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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