Book Title: Jainacharya Pratibodhit Gotra evam Jatiyan
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Jinharisagarsuri Gyan Bhandar
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छाजड में घालि दीनौ ताहू पै छाजड भये,
असल बरढीया तें छाजड कुमार जू । पाटण पीरान मांझि सोतो सारो जग जाने,
कोले पल्लीवाल सोतो पाइली मुझार जू ॥ ताके पीछे खेड वीचि बेगड विरुद धर्यो,
सय मकसूद खरतरे सिरशर ज । कलशदंड चढाया वेगड विरुद पाया,
धराया ताते गच्छ चौरासीयें वेगड सिंगार ज ||४०॥
पहिला छाजड कोला वरढीया पल्लीवाल,
उवांका गुरु पल्लीवाल पल्ली शुभ थान जू 1 बीजा बेगड प्रसिद्ध खेड में हुया समृद्ध, सातवीस देहरा कराया
सुप्रधान ज़ ||
सोवन कलश दंड मंडप मंड अखण्ड,
पातसाही सनाथ मेदिनी मंडान जू । खेड पल्ली सोनगिरि गुजर जंगलधर,
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गौरी गृह एते थान वेगडे दीवान जू ॥४१॥
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