Book Title: Jainacharya Pratibodhit Gotra evam Jatiyan
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Jinharisagarsuri Gyan Bhandar
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महता रायचंद १ महंता रतन २ महता रीठमल ३ महता रूपचन्द ४ एवं खत्री थे, पचीस घर का सिरदार । वासी राजपुर का, उहां के महतो चौधरी थे। प्रतबोधी श्रावक जैनी किया । जाति महतीयाण थाप्या, गोत रोहदीया
थाप्यउ ||४||
महता करमचन्द १ कान्हचंद २ घर पचीस का सिरदार थे । वासी काण्योड़ के थे । उहां का कानुंगो थे । जाति क्षत्री, प्रतिबोधी श्रावक कीया - जइनी कीया जाति महतीयाण थाप्या । गोत कांडे थाप्यो ॥५॥
खत्री परिवार घर वीस नारनौल का वासी महता नेतसी गोत नान्हडे थाप्यो ॥६॥
खत्री परिवार घर १५ महम का वासी । महता मनजी गोत्र मुंडतडे थाप्यो ॥७॥
खत्री परिवार घर १५, माधरपुर का वासी महता माणिकचन्द, गोत मीनयानी थाप्यो ||८||
खत्री कान्हचंद परिवार - घर १० करनाल के वासी, गोत काण्यें ॥६॥
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परिवार घर १०, वासी पाणीपथ का, गोत
पहाड़िये ॥१०॥
खत्री मयाराम परिवार घर.... गोत महथे थाप्यो ||११||
खत्री गिरधरदास परिवार घर २०, वासी घांघ का, गोत घं...... ॥ १२ ॥
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