________________
A
( ६६ )
प्रश्न १४ - द्रव्य आसव में यह दोनो आस्रव की परिभाषा किस प्रकार घटती हैं
?
उतर - ( १ ) कर्म नये-नये आते है इसलिये "नया-नया आना" यह द्रव्य आत्रव है । (२) जीव विकार करे और सर्व कार्माणवर्गणा द्रव्यकर्मरूप परिणमन कर जावे ऐसा नही होता है, क्योकि कार्माण वर्गणा भी मर्यादा पूर्वक हो आती हैं, इसलिए "मर्यादा पूर्वक आना" यह द्रव्य आस्रव है ।
प्रश्न १५ - भावबंध किसे कहते हैं ?
उत्तर - आत्मा के अज्ञान, राग-द्वेष, पुण्य-पापरूप विभाव मे रुक जाना वह भावबंध है ।
प्रश्न १६ - भावमालव, भावबंध का अभाव और भावसवर-भावनिर्जरा को प्राप्ति किसमें होती है
?
उत्तर - जीव मे होती है। इसलिए जीव तत्त्व की जानकारी भी आवश्यक है ।
प्रश्न १७ - जीव किसे कहते हैं ?
-
उत्तर - जीव अर्थात् आत्मा । वह सदैव ज्ञाता स्वरूप पर से भिन्न और त्रिकाली स्थायी है ।
प्रश्न १८ - भाव आस्रव, भाव बंध किसके निमित्त से होते हैं ? उत्तर - अजीव के निमित्त से होते है । अत अजीव की जानकारी भी आवश्यक है ।
प्रश्न १६ - अजीव किसे कहते हैं ?
उत्तर --- जिसमे चेतना - ज्ञातृत्व नही ऐसे द्रव्य पाँच है । उनमे धर्म अधर्म, आकाश और काल चार अरुपी है और पुद्गल रूपी है ।
?
प्रश्न २० -- सात तत्त्वो से द्रव्य कौन हैं और पर्याय कौन हैं उत्तर - सात तत्त्वो मे प्रथम दो तत्त्व 'जीव' और 'अजीव' द्रव्य हैं और पांच तत्व जीव और अजीव को सयोगो और वियोगी पर्याये