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( ७४ ) चीन निगकुलता म्प नुग्व है यह मोक्ष तत्त्व का ज्यो का त्यो श्रद्धान
प्रश्न ३८-जोघ तत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल क्या है ?
उत्तर-बाध अनुकूल गयोगी से मैं मुखी और प्रतिकाल मयोगो मे में दु.लो, निर्धन होने में मैं दुखी, धन होने से मै सुखी इत्यादि मिन्या अभिप्राय यह जीव तत्त्व सम्बन्धी जोव की भूल है।
प्रश्न 38--अजीव तत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल क्या है ?
उत्तर-दारीर का सयोग होने से मैं उत्पन्न हुआ ओर द्वारीर का वियोग होने से मैं मर गया। धन, गगरादि जड पदार्थो मे परिवतन होने से अपने में उठ-अनिष्ट परिवर्तन मानना, इत्यादि जो अजीव की अवस्थाये हैं उन्हें अपनी मानना यह अजीवतत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल
प्रश्न ४०-आरव तत्व सम्बन्धी जीव की भूल क्या है ?
उत्तर- मिथ्यात्व रागादि प्रगट दुख देने वाले है । तथापि उनका सेवन करने मे नुन मानना यह आत्रव तत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल
प्रश्न ४१-वध तत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल क्या है ?
उत्तर--शुभ को लाभदायक तथा अशुभ को हानिकारक मानना यह ववतत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल है।।
प्रश्न ४२-सवरतत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल क्या है ?
उत्तर-सम्यग्ज्ञान तथा सम्यग्ज्ञान सहित वैराग्य को कष्टदायक और समझ में न आये ऐसी मान्यता सवरतत्त्व सम्वन्धी जीव की भूल
प्रश्न ४३-निर्जरातत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल क्या है ?
उत्तर-शुभाशुभ इच्छाओ को न रोककर इन्द्रिय विषयो की इच्छा करना यह निर्जरातत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल है।
प्रश्न ४४---मोक्षतत्त्व सम्बन्धी जीव की भूल क्या है ?