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जैन-शिलालेख संग्रह
श्रीबिसादन् श्रीम (वा) ग्यमत्तन् श्रीमौरेय श्रीबिंज (डि) ओवजन् श्रीगुणप्रियन् (प) त्त श्रीचित्राधिपश्री
रि० ५० ५० १६५७-५८, शि०० बी २१२ से २१८
बेळ्ळट्टि ( सागली, महाराष्ट्र )
लिपि-आठवी सदी की, कन्नड मुळगुंद मे सिन्द राजा राज्य कर रहे थे उस समय दुर्गराज द्वारा निर्मित जिनमंदिर को श्रीभाग्य ने ५० मत्तर जमीन दान दी ऐसा इस लेख मे वर्णन है।
क० रि० ३० १६४१-४२, शि० क्र० ४०
सित्तण्णवाशल ( तिरुचिरपल्ली, मद्रास )
लिपि-आठवीं सदी की, तमिल पहाडी में खुदे हुए जैन मंदिर के इर्द गिर्द तथा मदिर के स्तम्भो पर ये आठ लेख है। इन में निम्नलिखित शब्द है ( ये सम्भवत. यात्रियो के नाम है )
श्रीयंकल श्रीतिरुवाशिरियन्